लोन क्या है (what is loan)
लोन क्या है?- लोन जिसे हिंदी में ऋण या कर्जा कहते हैं किसी व्यक्ति, किसी वित्तीय संस्था या NBFC (Non-Banking Financial Company ) द्वारा दिया गया उधार या कर्जा लोन कहलाता है। अथवा
जब कोई व्यक्ति या कंपनी अपनी खुद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी भी बैंक जैसे SBI, PNB, HDFC, Bank of India, Axis bank etc.बैंको से उधार लेता है और ब्याज के साथ पैसा वापस कर देता है तो उसे लोन कहते हैं
Loan के components :
लोन के मुख्यतः तीन कंपोनेंट होते हैं
1. Principal amount or loan amount –
जब आप किसी बैंक या फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस या फिर किसी व्यक्ति से कोई भी अमाउंट लेते हैं तो उसे प्रिंसिपल अमाउंट या मूलधन कहते हैं।
2. Rate of interest –
ये वो ब्याज दर होता है जो मूलधन के साथ जोड़ दिया जाता है वही जब आप लोन वापस करने जाते हो तो उसे ब्याज की दर amount कहा जाता है।
Loan of duration –
इसके अंतर्गत आपके पैसे को वापस करने के लिए एक निश्चित समय अवधि की आवश्यकता होती है जिसे ऋण अवधि कहा जाता है।
लोन का वर्ग : बैंक या फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट द्वारा लोन को मुख्यतः दो category में बांटा जाता है secured और दूसरा unsecured loan
1. Secured loan –
यह लोन किसी गारंटी के साथ दिया जाता है यानि कि इस प्रकार का लोन देने के लिए कोई भी वित्तीय संस्था या कंपनी आपसे कोई चीज गिरवी रखवाती हैं आप किसी तरह की संपत्ति गिरवी रखकर secured loan प्राप्त कर सकते हैं इस प्रकार के लोन में जोखिम कम होता है क्योंकि कोई assets गारंटी के तौर पर बैंक के पास रखा जाता है जैसे property, gold fixed deposits etc. और इस पर ब्याज दर कम लगता है इस लोन का duration लगभग 30 साल तक हो सकता है
Secured loan के अंतर्गत कितने लोन आते हैं –
• Home loan
• Gold loan
• Car loan
•loan against property
Home loan:
होम लोन वह राशि है जो एक व्यक्ति किसी बैंक या कंपनी से हर महीने एक निश्चित ब्याज दर पर EMI( equated monthly installment) के साथ उधार ली हुई रकम को चुका सकता है घर खरीदने के कानूनी कागजात से लेकर बैंक को आप के मकान का रजिस्ट्रेशन, स्टांप ड्यूटी, सैलरी स्लिप आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले 6 महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है होम लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, म्यूच्यूअल फंड बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं। बैंक आप के खर्च की कुल राशि का 75से 85% तक लोन दे सकती है
लोगों को अपने सारे पैसे मासिक इंस्टॉलमेंट के रूप में अवधि 5 वर्ष से 20 वर्ष तक चुकाने होते हैं ऋण की शर्तों में ब्याज के अतिरिक्त कुछ शुल्क भी शामिल होते हैं जैसे – process fee, administrative charge, legal fees,assessment fees etc.
Gold loan-:
गोल्ड लोन, बैंक में गोल्ड रखने के बदले में cash लेने की प्रक्रिया है गोल्ड लोन का भुगतान हो जाने तक बैंक या गोल्ड लेने वाली संस्था द्वारा इसे सिक्योरिटी के तौर पर गिरी रखा जाता है यह किसी आकस्मिक जरूरतों में काम आने वाला एक इमरजेंसी फंड की तरह होता है जो कम ब्याज दर पर मिलता है गोल्ड लोन प्रायः लोग emergency needs पूरा करने के लिए ही लेते हैं जैसे मेडिकल इमरजेंसी, ट्रैवलिंग higher education, down payment आदि। इस प्रकार के लोन आपको जमा किए गए गोल्ड की Quality और price पर मिलते हैं बैंक आपके गोल्ड के कीमत के 80% तक का loan देता हैं सभी बैंकों द्वारा दिए जाने वाला गोल्ड लोन का ब्याज दर अलग अलग होता है जैसे SBI में 11.15%और PNB में 7.10% HDFC 11%. For more –click here
Car or Vehicle Loan-:
जब किसी बैंक द्वारा वाहन का कार खरीदने के लिए जो लोन लिया जाता है उसे कार लोन कहते हैं ये लोन fixed या floating rate पर ऑफर किए जाते हैं fixed rate में जब आप किसी बैंक से लोन लेते हो तो उस समय जो ब्याज दर लागू होती है वही ब्याज दर पूरे लोन चुकाने तक लागू रहेगा,floating rate यह समय के साथ बदल भी सकता है और उसी के अनुसार आपके लोन का भी इंटरेस्ट रेट कम या ज्यादा रहेगा आपको बैंक में अपनी सैलरी स्लिप (salary slip ) और पिछले 2 या 3 साल का income tax return इसके अलावा कोई identity प्रूफ और address proof भी जमा करना पड़ेगा। जब तक लोन का पूरा पेमेंट नहीं हो जाता तब तक कार पर propriety right लोन बैंक के पास होता है For more click here
Loan against property -:
इस प्रकार के लोन के अंतर्गत बैंक आपके संपत्ति के कागजात गिरवी रखता है और उसकी कानूनी स्वामित्व तब तक बैंक के पास जब तक लोन चुका नहीं दिया जाता हैं इस लोन का purpose व्यक्तिगत या व्यवसायिक दोनों तरह की funding के लिए हो सकता है इस की ब्याज दर काफी कम होती है क्योंकि संपत्ति को लोन के तौर पर बंधक रखा जाता है बैंक लंबी भुगतान अवधि की सुविधा प्रदान करते हैं जो अधिकतम 15 साल के लिए सकता है इस प्रकार के लोन प्रॉपर्टी आप क्या आपकी आवेदक के नाम पर होनी चाहिए संपत्ति के बदले में मिलने वाले लोन की रकम 60 से 80% तक हो सकती है। For more click here
Unsecured loan -:
अनसिक्योर्ड लोन के लिए कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखी जाती इस प्रकार के लोन मैं कोई सिक्योरिटी नहीं होती है यह व्यक्ति के financial condition को देखकर लोन दिया जाता है इसमें सिक्योरिटी नहीं होने के कारण इस पर ब्याज दर बहुत ज्यादा लगता है इस लोन का approval जल्दी हो जाता है क्योंकि इसमें ज्यादा प्रोसेस नहीं होती है। अनसिक्योर्ड लोन का समय काल ज्यादा से ज्यादा 5 साल होता है अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ता हैं सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों ही लोन पर लागू होती है
Unsecured loan के अंतर्गत कितने लोन आते हैं -:
• Personal loan
• Business loan
• Education loan
• Bank overdraft
• Credit card loan
Personal loan ( व्यक्तिगत लोन )-:
किसी व्यक्ति द्वारा अपनी खुद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लिया जाने वाला लोन पर्सनल लोन कहलाता है जैसे शादी के खर्च के लिए, कहीं घूमने जाने के लिए,कोई महंगी गिफ्ट खरीदना है या घर का कोई सामान लेना है ऐसी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए इस प्रकार का लोन दिया जाता है इस पर ब्याज दर बाकी लोन की अपेक्षा ज्यादा लगता है हर बैंक की अपनी अपनी रेट ऑफ इंटरेस्ट तय रहती हैं SBI bank में 9.6%, HDFC bank में 10.5%, Yes bank में 13.99% वार्षिक ब्याज दर दिया जा रहा है।इस प्रकार के लोन में बैंक बहुत ज्यादा documents नहीं मांगती है यह लोन आपकी इनकम के according लगभग 5 सालों तक के लिए ही मिल सकता हैं।
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Business loan -:
इस प्रकार के लोन में आप अपने व्यवसाय को बढ़ाने और उसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए या प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए बैंकों द्वारा फंड के रूप में जो लोन लिया जाता है उसे बिजनेस लोन कहते हैं बैंक द्वारा आप अपने बिजनेस के संचालन को बढ़ाने, नई टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के लिए, दूसरे शहर से बिजनेस बढ़ाने के लिए और इन्वेंटरी को बढ़ाने के लिए अपनी बिजनेस रिलेटेड आप बैंक द्वारा लोन ले सकती हैं ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ‘ इसका एक उदाहरण है जिसके जरिए आप सरकार के द्वारा पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में बिजनेस लोन की ब्याज दर 17% प्रति वर्ष से शुरू है इस समय केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं की हिसाब से अपने कारोबार के लिए ₹50 हजार रुपए से लेकर ₹10लाख तक का लोन ले सकते हैं बिजनेस लोन के लिए मुख्य डाक्यूमेंट्स होते हैं पैन कार्ड, इनकम रिटर्न, इनकम प्रूफ के तौर पर बिजनेस लोन के लिए 2 या 3साल की इनकम टैक्स रिटर्न की जरूरत होती है, बिजनेस ऐड्रेस प्रूफ और बैंक स्टेटमेंट एक क्रेडिट बैलेंस के जरिए आप कितना खर्च करते हैं कितना उधार लेते हैं यह सब आपकी बैंक स्टेटमेंट से पता चलता है
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Education Loan-:
इस प्रकार लोन में आप देश- विदेश के किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेजों या यूनिवर्सिटी और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में ऐडमिशन के लिए एजुकेशन लोनके लिए apply कर सकते हैं एजुकेशन लोन देने से पहले बैंक आपकी रीपेमेंट निर्धारित करता है बैलून कुर्सी स्टूडेंट को देती है जिसे वापस करने की क्षमता होती है या तो स्टूडेंट की गारंटर का इनकम को देखा जाता है Union bank of india, SBI, Bank of Baroda इन तीनों बैंक से 6.85 फ़ीसदी पर एजुकेशंस लोन दिया जाता है बैंक 10लाख से अधिक और 1.5 करोड़ तक का लोन provide करता है South Indian Bank 7.95%-9.45%RBL bank 10.20%-10.20% सालाना का ब्याज दर चार्ज करती हैं बैंक एजुकेशन लोन लगभग 15% की ब्याज दर पर देता है। for more- click here
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Bank Overdraft :-
एक overdraft एक उधार देने वाली संस्था से ऋण का एक विस्तार है जो एक खाते में शून्य तक पहुंचाने पर दी जाती है ओवरड्राफ्ट खाताधारक को तब भी पैसे निकालने जारी रखने की अनुमति देता है जब खाते में कोई धनराशि ना हो।
Credit card loan -:
इस प्रकार का लोन बैंकों द्वारा Pre approved होता है यानि कि बैंक ने आपके लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करके ही आपको क्रेडिट कार्ड पर लोन देने की मंजूरी देता है क्रेडिट कार्ड लोन पर बैंक EMI स्कीम लेता है जिससे आप अपने कर्ज को आसानी से चुका सकते हो क्रेडिट कार्ड लोन तुरंत फंड प्राप्त करने का एक विकल्प है जो फाइनेंसियल विकल्प की उपयोगिता न की गई क्रेडिट लिमिट के तहत प्राप्त होता है
इस पर लोन लगभग 12% से अधिक दर पर मिलता है credit card लोन बैंक दो तरह से देते ए क्रेडिट लिमिट ऐप लॉक करके और दूसरा क्रेडिट लिमिट से अलग, लोन वाली राशि को account holder के अकाउंट में भेजने में लगभग 7 दिन का समय लगता है क्रेडिट कार्ड से लोन पाने के लिए सबसे जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड से आप का लेनदेन कैसा है इसके लिए जरूरी है क्रेडिट हिस्ट्री का होना और आपकी रीपेमेंट की हिस्ट्री कैसे हैं पहली क्रेडिट कार्ड पर लगभग₹ 25 हजार से ₹30 लाख तक का लिमिट दिया जाता है कार्ड पर अमाउंट लिमिट सेट होता है इससे ज्यादा अमाउंट खर्च करने पर लगभग 36 % इससे भी अधिक की पेनाल्टी देना होता है बैंकों द्वारा 50 दिन का लिमिट दिया जाता है ICICI Bank पर interest rate 1.99%तो 3.50%, SBI 2.50%to3.50%, Axis Bank 3.40%.
Term loan ( सावधि ऋण)-: यह लोन बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा एक निश्चित समयावधि के लिए दिया जाता है इस लोन की अवधि 82 महीने की होती है यह लोन उधार लेने वाली की आवश्यक धनराशि और और एक निश्चित मासिक किस्त (EMI ) क्षमता के आधार पर भुगतान किया जाता है।
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Term loan मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
1. Short Term Loan-
इस लोन में कम से कम 1 साल पैसा वापस करने की अवधि होती है।
2. Medium term loan –
इस लोन में पैसा वापस करने की अवधि 1 या 3 साल की होती है।
3. Long term loan –
इस लोन में पैसा वापस करने का समय 5 साल से अधिक तक का होता है।
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