2020 में कोविड-19 के कारण लगभग 23 मिलियन बच्चे नियमित रूप से टीकाकरण से वंचित रह गये –
भारत में DTP-1 लापता बच्चों में अधिकतम वृद्धि दिखाई,WHO( World Health Organisation)और UNICEF( United Nations International children emergency fund ) के द्वारा अध्ययन करने पर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार व्यापक विश्वव्यापी बचपन में टीकाकरण के आंकड़ों पर 2020 में नियमित टीकाकरण सेवाओं के माध्यम से 23 मिलीयन बच्चे बुनियादी टीको से वंचित रह गए। यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 3.7 मिलियन अधिक है विशेष रूप से डिप्थीरिया टिटनस काली खांसी (DTP) 10 देशों में 22.7 मिलियन है
2019 में 1403000 टीकाकरण और 2020 में 3038000 के साथ पहली खुराक के आभाव के कारण भारत सबसे अधिक वृद्धि वाले देश में शीर्ष पर हैं।
भारत का DTP-3( तीसरी खुराक ) कवरेज 91% से गिरकर 85% हो गया।
वार्षिक आंकड़े पर DTP-3 2019 में 86%से घटकर 2020 में लगभग 83% हो गया है 2020 में लगभग 3.5 मिलीयन बच्चे डीटीपी,-1 से चूक गए
2008 के बाद से DTP-3 कवरेज में यह सबसे बड़ी गिरावट हैं। खुराक ना लेने वाले बच्चों में सर्वधिक वृद्धि वाला देश – 5 जो शीर्ष पर है
- भारत,
- पाकिस्तान,
इंडोनेसिया,
फिलिपिन्स,
मेक्सिको
23 मिलियन में से 60% से अधिक भारत, नाइजीरिया कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य,पाकिस्तान इंडोनेशिया से हैं
WHO दक्षिण पूर्व एशियाई और पूर्वी मध्य भूमध्य सागरीय क्षेत्र टीकाकरण सेवाओं में व्यवधान से सबसे अधिक प्रभावित है
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार यह पिछले एक दशक से भी अधिक समय से टीका से वंचित बच्चों की सबसे बड़ी संख्या है जिससे खसरा,पोलियो और अन्य दूसरी बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित बच्चों की बढ़ती हिस्सेदारी है
लड़कियों को साइकिल कैंसर से बचाने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के खिलाफ टीकाकरण भी स्कूल बंद होने के कारण अत्यधिक प्रभावित हुआ है,ये
इजेंसिया वार्षिक टीकाकरण एजेंडा 2030 को लक्षित करती है जिसका उद्देश्य है आवश्यक बचपन में टीको के लिए 90% कवरेज प्राप्त करना
WHO की माने तो 5 साल के बच्चों के लिए खसरा जो दुनिया का सबसे ज्यादा संक्रामक रोग है यह उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है
उचित समय पर टीकाकरण नहीं करने से 2021 में हमने एक बहुत बड़ा संकट आमंत्रित किया हैं।