हॉकी को आधिकारिक राष्ट्रीय खेल घोषित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले वकील से कहा है कि हालांकि आपकी मंशा अच्छी है लेकिन हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि आप चाहें तो सरकार को मेमोरेंडम भेज सकते हैं.
टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष हॉकी टीमों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग उठी है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी।एथलेटिक सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग की गई-
अटॉर्नी विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर एथलेटिक्स के लिए सुविधाएं बढ़ाने और हॉकी को राष्ट्रीय खेल बनाने पर विचार करने का आग्रह किया था। हालांकि हॉकी एक राष्ट्रीय खेल है, लेकिन अभी तक इसे औपचारिक रूप से मान्यता नहीं मिली है। हॉकी भारत की शान है, जो अपनी पहचान खोती जा रही है।
हॉकी(hockey)को राष्ट्रीय खेल क्यों कहा जाता है-
1928 से 1956 तक भारतीय हॉकी ने अपने स्वर्ण युग का आनंद लिया। यह खेल लगभग सभी देशों में खेला जाता है, लेकिन 1928 में भारत को हॉकी में विश्व चैंपियन का ताज पहनाया गया। इसके बाद हुए ओलंपिक में भारत ने कई स्वर्ण पदक जीते। इससे हॉकी की लोकप्रियता में वृद्धि हुई, जो भारत का राष्ट्रीय खेल बन गया।
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