रोहित गुस्ताख़ की ग़ज़लें…
Gazal - Sahitya Manch ग़ज़ल_1 हर पल इक पागल की ख़ातिरख़्वाब सजाये कल की ख़ातिरजिस पल में जीनी थीं सदियाँआया ...
Gazal - Sahitya Manch ग़ज़ल_1 हर पल इक पागल की ख़ातिरख़्वाब सजाये कल की ख़ातिरजिस पल में जीनी थीं सदियाँआया ...
माँ ममता की मूर्ति है , भक्ति करे निष्काम ।चरणों में उनकी दिखे, जन्नत चारों धाम ।। देवी, जननी औ' ...