Lata Mangeshkar-: “Swar kokila”
Lata Mangeshkar : प्लेटो के दर्शन से लेकर अरस्तु के काव्यशास्त्र तक और उसके बाद से लेकर आज भी कला हमेशा एक महत्वपूर्ण विषय बनी रही। कलाकार अनुकर्ता नहीं बल्कि कर्ता साबित होता है। हमारी दो दशक की जिंदगी ने जिन भी लोगों को महानता के पटल पर साक्षात चमकते हुए देखा उनमें लता जी प्रमुख है। आने वाली पीढ़ियों में हम लता जी को बिल्कुल उसी रूप में वर्णित करेंगे जितनी आजादी से दो दशक पहले जन्म लेने वाली पीढ़ी ने हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां सुनाई हैं।
70-80 और 90 के दशक के सिनेमाघरों में लगने वाले फिल्म, नाटकों ने कलाकारों की यादों को बिल्कुल वैसे ही जिंदा रखा है जैसे उनके लिए दुनिया छोड़ जाने का बिल्कुल एहसास ही नहीं होता। लता जी फिर भी भारत रत्न थी उनकी आवाज में गाए जाने वाले गाने भारतीय जनमानस में बिल्कुल वैसे ही छा गए हैं मानो कि कभी उतरने का नाम ही नहीं लेंगे।
‘इंडियन नाइटेंगल’ या “बुलबुल-ए-हिंद” के नाम से प्रसिद्ध सर्वप्रिय गायिका को परलोक गमन का सफर करने पर विनम्र श्रद्धांजलि। हमें इस बात का फख़्र रहेगा कि हमने लता जी को देखा है हमने लता जी को सुना है। नमन!मंगलेश ‘हर्ष’
मंगलेश ‘हर्ष’
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