पेगासस(Pegasus) क्या है -;
मैलवेयर(Malware) या मलेसियस(Malicious) सॉफ्टवेयर क्या है
ऐसे सॉफ्टवेयर जो विशेष रूप से किसी कंप्यूटर सिस्टम को बाधित करने, क्षतिग्रस्त करने या सिस्टम बिना अनुमति के एक्सेस प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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मैलवेयर सॉफ्टवेयर के मुख्यतः ३ भागो में विभजित कर सकते है वैसे तो इसे 11 भागो में विभाजित किया गया है पांच मुख्यतः तीन
(1) virus-;
(2)spyware-;
स्पाइवेयर एक ऐसा सॉफ़्टवेयर है जिसे आपके कंप्यूटर डिवाइस में प्रवेश करने, आपका डेटा एकत्र करने और आपकी सहमति के बिना किसी तीसरे-पक्ष (THIRD PARTY ) को भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
(3)Ransomware-;
एक प्रकार का मलेसियस सॉफ़्टवेयर जिसे किसी कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश कर तब तक अवरुद्ध करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जब तक कि एक राशि का भुगतान नहीं किया जाता है।
पेगासस को इज़राइली फर्म NSO GROUP द्वारा विकसित किया गया है जिसे 2010 में स्थापित किया गया था।
Pegasus कैसे करता है कार्य( How Pegasus works )-;
पेगासस हमला करने के लिए Android और iOS उपकरणों में अनदेखे कमजोरियों का फायदा उठाता है। इसका मतलब है कि एक फोन संक्रमित हो सकता है, भले ही उसमें नवीनतम Security patch स्थापित हो।
2016 में पेगासस का एक version ढूढ़ा गया था जिसमे टारगेट को एक मलेसियस लिंक को उसको ईमेल या text massage पर भेजा जाता है जिसे “spear-fishing” कहा जाता है। लेकिन 2019 तक, पेगासस व्हाट्सएप पर एक मिस्ड कॉल के साथ एक डिवाइस में घुसपैठ कर सकता है और इस मिस्ड कॉल के रिकॉर्ड को भी हटा सकता है, जिससे उपयोगकर्ता के लिए यह जानना असंभव हो जाता है कि उन्हें TARGET किया गया था।
भारत में ये समस्या अत्याधिक विकराल है-:
उस वर्ष मई में, व्हाट्सएप ने कहा कि पेगासस ने अपने कोड में एक बग का फायदा उठाते हुए 1,400 से अधिक Android फोन और i phone को इस तरह से संक्रमित किया, जिसमें सरकारी अधिकारी, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। इसने जल्द ही बग को ठीक कर दिया।
भारत में ये समस्या अत्याधिक विकराल है क्योंकि इस समस्या के समाधान के लिए भारत में स्पष्ट कानूनों का अभाव है। अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हम ऐसी महत्वपूर्ण गतिविधियों तक विदेशी कंपनियों की पहुँच सुनिश्चित कर देते हैं। जो हमारी स्वंय की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाती है।