Blockchain technology – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्लॉकचेन और अन्य प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से डिजिटल रुपये की शुरुआत करने प्रस्ताव का किया है जिसे RBI द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी शुरुआत 2022-23 से होगी। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)से वित्तीय कार्यों में प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्रों में अनेक अवसर देगा।
ब्लॉकचैन तकनीकी क्या है (What is blockchain explained)
सन 1990 जब इंटरनेट तकनीकी (TCP/IP या HTTP) अपनी मूल चरण में था email तब एक बहुत बड़ा और पहला महत्वपूर्ण application था लेकिन बाद में नए एप्लीकेशन आये जैसे कि web browsers तब website बहुत लोकप्रिय बन गये थे वैसे ही
Blockchain technology जब पहली बार आयी बिटकॉइन भी ईमेल की तरह सबसे पहला बड़ा प्रमुख एप्लीकेशन बन गया। ब्लॉकचेन तकनीकी यह एक पुरानी तकनीकी है यह 1991 में ‘स्टुअर्ट हबर’ और ‘डब्ल्यू स्टॉक स्टोर्नेटा’द्वारा अपनाया गया था इसके एक वर्ष बाद 1992 में ‘बायर’ भी शामिल हो गए उस समय इसका उद्देश्य डिजिटल दस्तावेजों बदलाव व खुफिया जानकारी को रोकना था 2009 में जापानी व्यक्ति “सतोशी नाकामोतो (satoshi nakamoto)” ने ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी के बारे में पेपर पब्लिश किया था जो था “क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन” जिसमें उसके सार्वजनिक लेन-देन बही-खाता के हिसाब से कर सकें उनका मुख्य उद्देश्य था कि वे ब्लॉकचेन तकनीकी द्वारा विकेंद्रीकरण बिटकॉइन बनाना जिससे लोगों के पैसों को नियंत्रित करने की क्षमता देता जिससे कोई भी या सरकार इन पैसों को एक्सेस या मॉनिटर न कर सके। ब्लॉकचेन का अर्थ बहुत सारे डेटा को ब्लॉक करना।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है (how blockchain technology works)
ब्लॉकचेन डेटाबेस जैसा होता है जहां पर डेटाबेस किसी भी सिस्टम के सूचनाओं का कलेक्शन करता है और वही ब्लॉकचेन कई category के तहत सूचनाओं को इकट्ठा रखता है इन ग्रुप को ब्लॉक कहा जाता है ये ब्लॉक अन्य कई दूसरे ब्लॉक से जुड़े होते हैं जो डाटा का एक चेन बनाते हैं हर एक ब्लॉक में डेटा Hash और पिछले ब्लॉक का हैश होता है। इसीलिए इस सिस्टम को ब्लॉकचेन कहते हैं।
Distributed ledger technology and blockchain
Blockchain technology एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर न सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल रूप में बनाकर उसका अभिलेख रखा जा सकता है Blockchain technology एक प्रकार का वितरित बही-खाता( distributed ledger technology dlt ) है जो भी इस पर लेन-देन होता है वो चेन में जुड़े( peer-to-peer mechanism ) सभी कंप्यूटरों पर दिखाई देता है बही-खाता से तात्पर्य एक निश्चित समय पर लेन-देन प्रक्रिया को एक ही स्थान पर लिखा जाता हैं जिसे उस पक्ष का खाता कहते हैं।
बही-खाता में समस्त व्यक्तिगत, वास्तविक एवं अवास्तविक खाते रखे जाते हैं। व्यक्तिगत खाते यह दिखाते है, कि कंपनी अपने Credit के प्रति कितना ऋणी है, व अपने Debtor से कितनी रकम वसूल करता है। वास्तविक खाता संपत्ति की तथा पूंजी के मूल्य को दर्शाता है। Nominal Account, आय के Sources तथा विभिन्न वस्तुओं पर खर्च की गई राशि को दिखाता है।
बहीखाता की मदद से व्यापारिक कंपनियों की Financial स्थितियों का अनुमान किसी भी समय आसानी से लगाया जा सकता है। साधारणतया, बही-खाता रजिस्टर के रूप में होता है। इसके प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या अंकित होती है। जिसमें Debit और credit अलग-अलग कॉलम में होते है। ब्लॉकचेन विनिमय की संपूर्ण जानकारी को एक जगह पर सूचित करने की वजह से यह हजारों या लाखों कंप्यूटरो में संरक्षित किया जाता है।
blockchain technology में किसी भी नए लेन-देन को डेटाबेस से जुड़े सभी कंप्यूटरों द्वारा सत्यापित किया जाता है जिसे Node के नाम से जाना जाता है (Node आम तौर पर एक दूरसंचार network में बातचीत का बिंदु या connection का एक बिंदु होता है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Central Bank Digital Currency and Blockchain Technology)
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी विकेंद्रीकरण ( Decentralized ) और सुरक्षित टेक्नोलॉजी है जिसे हैक नहीं किया जा सकता है यानि कि सभी तरह की सूचनाएं एक नेटवर्क के सभी कंप्यूटर पर होती है. हालांकि, डिजिटल करेंसी इससे अलग होती है इसकी वजह यह है कि इसे RBI द्वारा नियंत्रित किया जाएगा यह वास्तव में Decentralized नहीं होती है . इसे आसानी से आप मोबाइल से एक दूसरे को भेज पाएंगे और आप हर तरह के सर्विसेज का इस्तेमाल कर पाएंगे।
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types of Digital Digital Currency)
डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है- होलसेल करेंसी (wholesale) और (retail) , होलसेल करेंसी का उपयोग वित्तीय संस्थाएं करती है तो वही रिटेल डिजिटल करेंसी का उपयोग आम लोगों और कंपनियां द्वारा किया जाता है ब्लॉकचेन को क्रिप्टो करेंसी का आधार कहा जाता है हालांकि क्रिप्टो करेंसी और ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी एक अलग चीज हैं जहां पर ब्लॉकचेन एक तकनीकी का नाम है और वहीं पर क्रिप्टो करेंसी इस तकनीक पर आधारित एक application है। अगर हम इंटरनेट टेक्नोलॉजी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की बात करे तो इंटरनेट कंप्यूटर को आदेश देता है जानकारी को बदलने के लिए जबकि वही ब्लॉकचेन कंप्यूटर को आदेश देता है जानकारी को record करने के लिए।
डेटा क्या होता है?
डेटा क्या होता है?- बिटकॉइन ब्लॉकचेन का जो डेटा होता है उसमें लेनदेन का सारा विवरण जैसे कि प्रेषक,प्राप्तकर्ता और एक अकाउंट जैसी जानकारियां उसमें दर्ज रहती हैं इन डेटा ब्लॉक में क्रिप्टोग्राफी तकनीकी द्वारा डेटा को encode किया जाता है प्रत्येक ब्लॉक में उसके पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक कोड और लेन-देन का डेटा होता है हर एक ब्लॉक अपने अगले ब्लॉक से जुड़े हुए होते हैं एक ब्लॉक के अंदर कुछ -कुछ सूचना या डेटा इकट्ठा होता है जैसे कि बिटकॉइन के लिए लेनदेन की सूचना संग्रहित होती है कि बिटकॉइन किसके पास से आया और किसके पास जा रहा है वो ऐसे अलग-अलग उपयोग के हिसाब से ब्लॉक में अलग-अलग डाटा संग्रहित होता है।
Hash Code क्या है?
Hash (कोड ) क्या है?- यह एक तरह का कोड होता है यह thumb इंप्रेशन की तरह यूनिक होता है जैसे हम अपने आधार के लिए बायोमेट्रिक देते हैं उसके बाद हमें अपना आधार नंबर मिलता है वैसे ही ब्लॉकचेन के अंदर जो भी डेटा ब्लॉक के अंदर स्टोर कर रहे हैं उसके हिसाब से एक यूनिक कोड जनरेट होता है previous block का hash यानी कि पुराने वाले ब्लॉक का जो कोड था वह अब अगले वाले ब्लॉक में भी जुड़ गया है अब अगले वाले का ब्लॉक उसके अगले वाले ब्लॉक मे save हो जाता हैं इस तरह ब्लॉक की एक चेन बन रही होती है इस चेन के अंदर सबसे पहला ब्लॉक जो किसी भी कोड को दिखा नहीं रहा होता है तो उसे हम सामान्य (generic ) ब्लॉक कहते हैं जो कि सबसे पहले बनता है अगर ब्लॉक में आप किसी भी तरह का बदलाव करते हैं तो यह hash यानी कि कोड बदल जाता है सभी ब्लॉक एक दूसरे से वस्तुतः जुड़े होते हैं अगर आप एक ब्लॉक का डाटा को बदलेंगे तो फिर आपको दूसरे ब्लॉक का भी डाटा बदलना होगा ब्लॉक में कोड को बदलने पर चेन के अंदर बदलाव आ जाता है जिससे उसके आगे वाला सारा डेटा invalid यानि कि गलत हो जाता है अगर आप एक कॉपी को बदलना चाहते हैं तो आप नहीं कर सकते ब्लॉक को बदलने से पहले आपको सबके पास डेटा शेयर करना पड़ेगा अब सबसे एक वोट आएगा कि क्या आप जो ये ब्लॉक में बदलाव कर रहे है वह सही है या नहीं अगर यह बदलाव सही नहीं हुआ मतलब बहुत सारे लोगों ने आप को वोट किया कि आप जो ये बदलाव कर रहे है हमारे डेटा के साथ वो सही नहीं है तो उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा तो आप ब्लॉक में बदलाव नहीं कर पाओगे इस तरह की वोटिंग को consensus rule ( आम सहमति नियम ) कहते है।
क्यों क्रिप्टोकरेंसी को हैक नहीं किया जा सकता है ?(Why cryptocurrencies can’t be hacked?)
बिटकॉइन में एक ब्लॉक का कोड बदलने पर लगभग 10 मिनट लग जाता है तो अगर 1 करोड़ ब्लॉक हैं और उसमें बदलाव करें तो लगभग 200 साल लग जाएंगे पूरे डाटा को बदलने में। हालांकि कंप्यूटर इतनी शक्तिशाली हो गए हैं कि कैलकुलेशन करके hash में भी बदलाव कर देती है इसे रोकने के लिए ब्लॉकचेन में proof of work होता है यानी कि जो लेनदेन की प्रक्रिया को verify करता है। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसमें सारे डेटा को यूनिक होते हैं और उसके साथ ही सिस्टम को बदलना हैक या धोखा देना मुश्किल या असंभव हो जाता है इसीलिए ब्लॉकचेन इतना सुरक्षित होता है।
कोई भी उद्योग हो अगर वह भारी अनुबंध पर निर्भर करती हो जैसे कि बीमा, वित्तीय संस्था, अचल संपत्ति, कानून और मनोरंजन आदि सारे उद्योगों पर इस तकनीकी द्वारा लाभ प्राप्त होगा क्योंकि इस तकनीकी में बिना किसी विवाद के सारे contracts को update, प्रबंधित, ट्रैक और सुरक्षित किया जा सकता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की ये खासियत है कि किसी भी बड़ी कंपनी की भुगतान प्रक्रिया को आसानी से प्रबंधित कर सकती है।
ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग क्या है (How is blockchain technology used?)
ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग क्या है- ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग वित्तीय लेन-देन, स्वास्थ्य सेवा , शिक्षा, कृषि, डिजिटल वोटिंग, बैंकिंग क्षेत्रों आदि में किया जाता है इन सभी क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीकी एक पारदर्शिता की तरह काम करेगा जिसे आसानी से पता लगाया जाएगा कि कौन सा लेन-देन किसे और कब किया और साथ ही इसके सारे अभिलेखों को रखना और भी आसान हो जाएगा।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में किसी भी व्यक्ति से संबंधित बीमारी की सारी जानकारी डॉक्टर के पास आसानी से उपलब्ध होगी इसके साथ ही इसमें होने वाले खर्च और मेडिसिन का रिकॉर्ड ऑनलाइन ब्लॉकचेन माध्यम में रखा जा सकेगा।
बैंकिंग क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग (Use of Blockchain Technology in Banking Sectors)
बैंकिंग क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग किसी एक लेनदेन पर देखने को मिलेगा जैसा कि हम किसी को भी पैसा ट्रांसफर करते हैं तो उसकी प्रोसेसिंग में काफी समय लगता है और उसके व्यय का भुगतान करना पड़ता है जो कि आरबीआई के सेंट्रल सिस्टम द्वारा जुड़े होते हैं अगर बैंकिंग क्षेत्र में ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग किया जाएगा तो इस में लगने वाला समय कम हो जाएगा क्योंकि इसमें विकेंद्रीकरण लेनदेन होता है जिससे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से आसानी से लेनदेन कर सकता है। तेलंगाना राज्य सरकार ने हैदराबाद में भारत का पहला ब्लॉकचेन जिला प्रमोचन किया जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के लिए एक संपूर्ण परिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा।
बैंकिंग क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग (Use of Blockchain Technology in Banking Sectors)
शिक्षा में ब्लॉकचेन तकनीकी के संभावित उपयोग के बारे में लगभग 92%शिक्षकों का कहना है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से छात्रों की सीखने और एक-दूसरे से बातचीत करने काफी बड़ा प्रभाव पड़ता है सीखने की प्रक्रिया को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली तकनीकी उनमें से एक ब्लॉकचेन तकनीकी है।
ब्लॉकचेन तकनीकी के प्रकार(types of blockchain)
वैसे तो ब्लॉकचेन तकनीकी कई प्रकार की होती है लेकिन इसे मुख्यतः दो श्रेणी में रखा जाता है Public या Private blockchain Technology.
पब्लिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Public blockchains Technology)
Public blockchains Technology ( सार्वजनिक ब्लॉकचेन )- सार्वजनिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी सबको शामिल होने का अवसर देती है यह पूरी तरह से विकेंद्रीकरण तकनीक पर आधारित यानि कि किसी भी एक व्यक्ति या कोई कंपनी के पास अधिकार या नियंत्रण ना होकर सभी को कार्य करने का अधिकार व नियंत्रण होता है। वर्तमान समय में इसका मुख्य उपयोग क्रिप्टो करेंसी के आदान-प्रदान खनन ( mining ) में किया जाता है। सरकार के पास कई सारे अभिलेख होते हैं जो फाइलों में बंद पड़े हैं अक्सर इनके खोने किसी कारणवश नष्ट होने के चलते सरकार के लिए इसकी सुरक्षा निश्चित कर पाना मुश्किल हो जाता है लेकिन ब्लॉकचेन इसके लिए एक बड़ा साधन बन सकता है सरकार डेटा को इनकोड करके डिजिटल बहीखाता पर अपलोड कर सकती हैं। जैसा कि Bitcoin (BTC) और Ethereum (ETH) पब्लिक ब्लॉकचेन हैं और यह एक सुरक्षित ब्लॉकचैन कहलाता है।
निजी ब्लॉकचेन तकनीक (Private Blockchain Technology)
Private blockchain Technology – प्राइवेट ब्लॉकचेन को प्रतिबंधित ब्लॉकचेन भी कहा जाता है इसमें केंद्र प्राधिकरण की यानि कि एकल संगठन की भूमिका होती है। इस ब्लॉकचेन तक सामान्य लोगों की पहुंच प्रतिबंधित होती है प्राइवेट ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी में किसी वितरित बाही-खाता लिखने में प्रतिबंधित होता है किसी भी समूह के कर्मचारी जो कि इस संगठन में काम करते हैं और इसके साथ इसमें और भी दूसरे कर्मचारियों को प्रतिबंधित कर दिया जाता है।इसमें किसी नए Node को जुड़ने के लिए, पहले से जुड़े हुए Node से अनुमति लेनी पड़ती है।
ब्लॉकचेन तकनीक को दुनिया भर में सभी लोगों के वित्तीय सेवाओं के लिए एक मंच के रूप में उपयोग किए जाने की संभावना है जिसमें विकासशील देशों के लोग भी शामिल हैं जो पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं या बड़े लेन-देन करने के लिए आवश्यक दरों तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इस तकनीक में लगभग सभी प्रमुख उद्योगों में एक बड़ी सफलता हासिल करने की क्षमता है जो आमतौर पर बड़ी कंपनियों द्वारा संचालित होते हैं। जैसा कि भारत में UPI द्वारा लेन-देन की प्रक्रिया में बहुत सी चीजें आसान हुई है ठीक उसी तरह भविष्य में ब्लॉकचेन तकनीकी से डिजिटल वितरण में पारदर्शिता होगी।
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