Sahitya Manch- gazal ग़ज़ल-1 वहां पर फूल संग खुशबू दिखे हैजहां पर इश्क़ का साधू दिखे है ये पत्थर फूल...
Read moreSahitya Manch ग़ज़ल-1ज़ख़्म ताज़ा इस बहाने से मिला थाहै पुरानी कील कैलेंडर नया था दरमियाँ ही चुप्पियाँ पसरी पड़ी थीदूरियाँ...
Read moreSahitya manch ग़ज़ल-1कर ज़रा और इज़ाफ़ा मिरी हैरानी मेंमेरी तस्वीर बना बहते हुए पानी में वो शब-ए-वस्ल चराग़ों को बुझा ...
Read moreValentine Day Special Shayri दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा...
Read moreSahitya Manch : गौतम गोरखपुरी की ग़ज़लें ग़ज़ल_1दर्द हमको दे जाती हो किसके लिएजान इतना सताती हो किसके लिएगर कोई...
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