1.सोने की मूर्ति (Moral stories for kids in hindi)
Moral stories for kids in hindi – एक बार एक धनी व्यक्ति अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए एक दूसरे शहर पहुँचा। उस शहर में नए व्यवसाय की तलाश में इधर-उधर घूमतेघूमते वह शहर की उस सीमा तक पहुँच गया जहाँ शहर की सीमा समाप्त होती थी। वहाँ थोड़ा और आगे जाने पर उसने प्राचीन मंदिरों के कुछ खंडहर देखे। उसने देखा कि खंडहरों के अंदर से कुछ चमक रहा है। उसने देखा कि वह चमकने वाली वस्तु शेर की सोने से बनी प्रतिमा है।
वह सोचने लगा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूँ। इस प्रतिमा को ले जाकर अब मैं और अधिक धनी हो जाऊँगा।’
फिर वह सोचने लगा, “लेकिन मैं इस प्रतिमा का क्या करूँगा ? शेर का चेहरा तो मुझे रात को डराएगा। फिर भी मुझे अपने नौकरों की मदद से इसे ले जाना चाहिए। मैं इसे एक सुरक्षित दूरी से देख लिया करूँगा।” यह सोचकर वह वहाँ से चला गया। वह वास्तव में नहीं जानता था कि दौलत का उचित सदुपयोग कैसे किया जाता है।
2.दोषारोपण से पहले (Short moral stories in hindi)
एक दिन एक व्यक्ति समुद्र किनारे टहल रहा था। अचानक उसने देखा कि यात्रियों से भरा एक जहाज चट्टान से टकराकर डूब गया और उसमें मौजूद सभी यात्री भी डूब गए। वह आदमी समुद्र तट से सब कुछ एक असहाय की भाँति देखता रहा। वह उन्हें बचाने में असमर्थ था।
” शाम के समय उसने अपने दोस्तों को जहाज के डूबने की पूरी घटना कह सुनाई। वे सभी उन मृत लोगों के लिए दुखी थे। उनमें से एक दोस्त बोला, भगवान ने ये बड़ा अन्याय किया। उसने एक जहाज के साथ अनेक निर्दोष लोगों को भी मार दिया । ” यह कहते समय उसे अपने पैर में कुछ चुभन सी महसूस हुई। उसने नीचे देखा कि लाल चींटियाँ उसके पैर पर काट रही हैं। उसके आस-पास काफी सारी अन्य चींटियाँ भी थीं। गुस्से में उसने अपने पैर को पटकना शुरू कर दिया, जिस वजह से कई सारी चींटियाँ उसके पैर के नीचे दबकर मर गईं ।
अचानक भगवान प्रकट हुए और बोले, “देखो, किस प्रकार तुमने एक चींटी के लिए कई निर्दोष चींटियों की हत्या कर दी है और तुम मुझे अन्याय के लिए दोष दे रहे हो। दूसरों को दोष देने से पहले अपने दोष देखो।” यह सुनकर उस व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास हो गया।
3.फँस गाय हाथ (Small Moral stories in hindi)
राहुल एक अच्छा लड़का था। बस उसे एक ही बुरी आदत थी। वह मीठा बहुत खाता था। मिठाई एवं चॉकलेट उसे बहुत पसंद थे। उसकी माँ उसे हमेशा कहती, “राहुल, इतना अधिक मीठा मत खाया करो। तुम्हारे दाँत खराब हो जाएँगे।” इसी कारण माँ ने सभी चॉकलेट-टॉफियों को एक जार में छिपाकर रख दिया, ताकि राहुल अधिक मीठा न खाने पाए। उस जार का मुँह सँकरा था और वह मजबूती से बंद था।
एक दिन राहुल की माँ बाजार गई हुई थी। मौका देखकर राहुल रसोई में गया और उसने उस जार को उठा लिया। बहुत प्रयास करने के बाद उसने जार का
ढक्कन खोला और जार के संकरे मुँह में हाथ डाल दिया। फिर उसने मुट्ठी में टॉफी-चॉकलेट भर लिए और हाथ बाहर निकालने लगा। लेकिन हाथ उसमें फँस गया। वह अपना हाथ बाहर निकालने की कोशिश कर ही रहा था कि उसकी माँ वापस आ गई। उसकी हालत देखकर बोली, “राहुल, तुमने अपने हाथ में बहुत सारे टॉफी-चॉकलेट लिए हुए हैं। बस एक चॉकलेट लो और बाकी को वहीं जार में वापस रखो। तभी तुम अपने हाथ को बाहर निकाल पाओगे।” राहुल ने वैसा ही किया। इसके बाद उसने अपना हाथ सरलता से बाहर निकाल लिया। उसे अपनी गलती समझ आ गई थी।
4.शरारती चूहा (Small short stories with moral values in hindi)
एक शरारती चूहा था। एक दिन उसने एक बैल को पेड़ के नीचे सोते हुए देखा। बैल अत्यधिक विशालकाय था और उसके सींग भी अत्यधिक नुकीले
थे। साँस लेते समय उसके चौड़े नथुने खुलते और बंद होते। चूहा शरारती तो था ही। जब उसने बैल के बार-बार बंद होकर खुलते नथुनों को देखा तो पास जाकर नथुनों को बंद कर दिया। बैल गुस्से से उठा । वह जैसे ही उठा, चूहा वहाँ से भाग गया। बैल ने उसे भागते हुए देख लिया और वह उसका पीछा करने लगा। वह चूहे को सजा देना चाहता था। छोटा चूहा तेजी से भागा और एक दीवार के अंदर बने एक छेद में घुस गया।
बैल खुद को नहीं रोक पाया और उसने चूहे को मारने के लिए अपना सिर दीवार पर दे मारा। फलस्वरूप वह खुद ही बुरी तरह जख्मी हो गया। उसके सिर से खून भी बहने लगा।
अब बैल समझ गया था कि दुश्मन भले ही कितना भी छोटा हो, उसे जीतने
के लिए ताकत के साथ-साथ बुद्धि की भी जरूरत होती है। फिर भी कोई जरूरी नहीं कि वह काबू में आ ही जाएगा।
5.लालची व्यक्ति (Moral stories in hindi with pictures)
एक बार एक धनी किंतु लालची व्यक्ति बीमार पड़ गया। बहुत से वैद्यों ने ने उसका इलाज किया लेकिन कोई भी उसकी बीमारी को ठीक नहीं कर भगवान ने उसको सजा देने का निर्णय करते हुए कहा, “समुद्र तट पर जाओ, वहाँ पर तुम्हें सोने की मोहरें मिलेंगी। ‘
सका। तब उस बीमार व्यक्ति ने भगवान से प्रार्थना की, “हे भगवान! मुझे बचा लो। यदि मैं ठीक हो गया तो सौ बैलों की बलि चढ़ाऊँगा। भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली और उसे स्वस्थ कर दिया। स्वस्थ होने के बाद वह पैसा खर्च नहीं करना चाहता था। इसलिए वह सौ बैलों की छोटी-छोटी मूर्तियाँ बनवाकर मंदिर ले गया और भगवान को अर्पित करते हुए बोला, “हे भगवन! धन्यवाद स्वरूप मेरा ये उपहार स्वीकार करें।” अब भगवान को उस पर बड़ा गुस्सा आया कि इस व्यक्ति ने जिंदा बैल चढ़ाने का वादा किया था और अब ये अपना वादा तोड़ रहा है। इसलिएलालची व्यक्ति ने तुरंत वहाँ जाकर मोहरें प्राप्त कर लीं। लेकिन वहाँ कुछ समुद्री डाकू भी थे। वे उस लालची व्यक्ति को बंदी बनाकर ले गए और उसे सौ स्वर्ण मुद्राओं के बदले सेवक के रूप में बेच दिया।
लालची व्यक्ति ने तुरंत वहाँ जाकर मोहरें प्राप्त कर लीं। लेकिन वहाँ कुछ समुद्री डाकू भी थे। वे उस लालची व्यक्ति को बंदी बनाकर ले गए और उसे सौ स्वर्ण मुद्राओं के बदले सेवक के रूप में बेच दिया।
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