रोहित गुस्ताख़ की ग़ज़लें…
Gazal - Sahitya Manch ग़ज़ल_1 हर पल इक पागल की ख़ातिरख़्वाब सजाये कल की ख़ातिरजिस पल में जीनी थीं सदियाँआया ...
Gazal - Sahitya Manch ग़ज़ल_1 हर पल इक पागल की ख़ातिरख़्वाब सजाये कल की ख़ातिरजिस पल में जीनी थीं सदियाँआया ...
Sahitya Manch : गौतम गोरखपुरी की ग़ज़लें ग़ज़ल_1कोई भी नहीं है हमारा सिवा इन किताबों केमेरी ज़िन्दगी का सहारा सिवा ...
Sahitya Manch- gazal ग़ज़ल-1 वहां पर फूल संग खुशबू दिखे हैजहां पर इश्क़ का साधू दिखे है ये पत्थर फूल ...
Sahitya manch ग़ज़ल-1कर ज़रा और इज़ाफ़ा मिरी हैरानी मेंमेरी तस्वीर बना बहते हुए पानी में वो शब-ए-वस्ल चराग़ों को बुझा ...
Sahitya Manch : गौतम गोरखपुरी की ग़ज़लें ग़ज़ल_1दर्द हमको दे जाती हो किसके लिएजान इतना सताती हो किसके लिएगर कोई ...
Sahitya Manch ---- साहित्य मंच -: जितेंद्र तिवारी की ग़ज़लें ग़ज़ल_1 सब तय है कब आना है कब जाना हैया’नी ...
साहित्य मंच - सावन शुक्ला की ग़ज़लें ग़ज़ल_1 तमाम मज़हबी ज़हमत तमाम , जय श्री राम ।।मैं देखने लगा कण ...